सोमवार, 15 मार्च 2010

वर्णमाला


बचपन में ही

सिखा दी जाती है हमें

वर्णमाला

वर्णमाला -

हिंदी की

वर्णमाला -

अंगरेजी की

उर्दू फारसी आदि की

वर्णमालाएं भी

हम सीख लेते हैं

अपनी संस्कृति के अनुसार

लेकिन कोई भी वर्णमाला

नहीं सिखा पाती हमें

जिन्दगी की वर्णमाला के

एक एक वर्ण पर अंकित

एक एक पल की जिन्दगी को समझना

काश की

हिंदी अंग्रेजी उर्दू की

वर्णमालाएं सिखाने की वजाय

सिखाई जाती हमें

जिन्दगी की वर्णमाला

तब दे पाते हम

न केवल जिन्दगी को

बल्कि वर्णमाला को भी

नए मायने .........

आरती आस्था

1 टिप्पणी:

  1. jindgi k ebarat to her acher per tutti hai.per log jo khud na seekh sake jeevan ka gyan vo hame vo ebart jada seekhate hai.esliye jindgi jitna hame sikhaye hame utna hi seekhna chaheye.

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