गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

मेरे अपनों ने मुझे इस काबिल नहीं बनने दिया की मै कोई लड़ाई लड़ सकू ।शायद एहसास था उन्हें की मेरी सबसे पहली और बड़ी लड़ाई उन्ही से होनी है ----उनके ही खिलाफ है ।
जिन्दगी को अगर चेतन होकर जिया जाये तो हर पल एक कविता बनती है। लेकिन जिन्दगी अपने आप में जितनी बड़ी कविता है,उतनी बड़ी कविता आप पूरी जिन्दगी नहीं लिख सकते ।
जुडाव शब्द कम अर्थ रूप में मुझसे ज्यादा जुड़ा है ।

मोह के साथ जीना मुश्किल होता है लेकिन मोह के बगैर भी जीना आसान नहीं होता ।

हम किसी भी इंसान को अधिकतम तो जान सकते हैं पर पूरी तरह नहीं।