मंगलवार, 31 मार्च 2009

व्यस्तता


व्यस्तता !

सर्वाधिक उपयुक्त शब्द

दूसरों की उपेक्षा करने का

बगैर शिकायत का

मौका दिए ।

आरती 'आस्था '

सोमवार, 16 मार्च 2009

शिकायत




ढेर सारी शिकायतें हैं

तुम्हें हमसे

हमें भी

कम नहीं हैं तुमसे

बावजूद इसके

नही है कोई शिकायत

हमें एक-दूसरे से .........

आरती आस्था

रविवार, 15 मार्च 2009

2८.०२.२००९
लड़कियां लड़कों से ज्यादा खुदगर्ज होती हैं l

शनिवार, 14 मार्च 2009

खुशी


आरती आस्था


हमने कहा


हम हो न हो


लेकिन हर ख़ुशी हो वहां


जहाँ तुम रहो


तुमने कहा


जहाँ तुम नहीं होगी


वहां मै खुश कैसे रह सकता हूँ


हमने कहा


जहाँ हर चीज़ हो सिवाय मेरे


वहां भी नहीं!


तुमने कहा


जहाँ तुम्हारे सिवाय कुछ भी न हो


वहां भी l

और अब एहसास
१३.०२.२००९
बहुत से डर हकीकत हो जाते हैं सही है लेकिन बहुत सी हकीकतें ऐसी होती हैं जिहें लोग डर समझने की भूल कर बैठते हैं l
१७.०२.२००९

किसी को जब भी कुछ दो तो पूरे दिल से दो, नहीं तो वह चीज उसे खुशी तो नहीं ही देगी हां जब जब वह उसे देखेगा एक कसक टीस बनकर उसके अन्दर जरूर उठेगी .

१८.०२.२००९

खामोशी की आवाज़ तो बहुत लोग सुन लेते है लेकिन उसके सही-सही निहितार्थ शायद ही कोई समझ पाता है l

२४.०२.२००९

किसी चीज की कीमत इससे नहीं तय होती है की बेचने वाला उसे किस कीमत में बेच रहा है बल्कि इससे तय होती है कि खरीदने वाला उसे किस कीमत में खरीद रहा है l

शुक्रवार, 13 मार्च 2009

श्रद्धा




आरती "आस्था"


जब वह कहता है


उसने ईश्वर से जो माँगा


उसे सब मिला


लोग कहते हैं


कितना खुशनसीब है वह


पर हकीकत उन्हें नहीं मालूम


उसने उससे कभी कुछ


माँगा ही कब है


जो दे दिया उसने स्वेच्छा से


उसने माना वही सब है l

बुधवार, 11 मार्च 2009

भड़ास blog: कशमकश#links

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सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ

शुक्रवार, 6 मार्च 2009

चाभी

जैसे तालों को खोलने के  लिए

होती हैं  चाभियाँ

काश वैसे  ही होती  चाभियाँ

परत-दर-परत  चेहरों  को खोलने के लिए भी

तब सहज होती

अपने-पराये की पहचान

तब न कदम-कदम पर

छले जाते हम

और न दोष  देते किस्मत  को .............|

रविवार, 1 मार्च 2009

इबारत


पूजा करती  थी

कल तुम्हारी

करती हूँ

आज भी

सोचकर  कि

भगवान  को

 हमेशा ही

हक़ होता है

गुनाह  करने का ...........|