गुरुवार, 23 अप्रैल 2009

मेरी diary के पन्ने से

७.०३.२००९

किसी का प्यार संभलने में जितनी मदद करता है उससे ज्यादा नफरत लेकिन हाँ नफरत भी उसी की होनी चाहिए जिसके प्यार ने उसे तोडा हो ।

१६.०३.२००९

किसी का भी छोटा मोटा गुनाह कोई भी माफ़ कर देता है लेकिन गुनाह जब हद पार कर जाता है तो कम से कम अच्छा ........ सच्चा और ज्यादातर सहनशीलता दिखानेवाला इंसान बुरी तरह से रिअक्ट जरूर करता है ।

१२.०४.२००९

यह सही है कि दुनिया में अच्छे लोग कम रह गए है ....... कम होते हैं लेकिन जो अच्छे होते हैं वह इतने ज्यादा अच्छे होते हैं कि उनकी अच्छे पर सहज यकीं ही नहीं करता कोई .

बुधवार, 22 अप्रैल 2009

सचमुच में बड़ी


मेरी udghoshna सुनकर कि

अब बड़ी हो गई हूँ मैं

तुम्हारा यह कहना कि

तुम तो

थीं हमेशा से बड़ी

तुम्हारे विचार ............

तुम्हारी सोंच ने

छोटा कभी

रहने ही नहीं दिया तुम्हें

यदि सही है

तो बताओ मुझे

बच्चों की तरह

अक्सर ही

दिल मेरा

क्यों कहता है कि

जी भर रोऊँ मैं

और गले लगाकर

चुप कराये कोई

किसी भी नन्हें मासूम की तरह

क्यों जब- तब

जिद कर बैठता है

दिल मेरा

ऐसे लोगो की

जो नहीं हो सकते मेरे

क्यों देखती हूँ ख्वाब

बच्चों की मानिंद

बंजर दिलों में

निश्चल भावों के

दरख्त उगाने के

यह देखकर भी कि

हकीकी ख्याल मेरे

तब्दील होते जा रहे हैं

दिन बा दिन khawabon में

सच- सच बताओ मुझे

इसलिए कह रही थी

तुम यह n

ताकि chodkar bachpana

बन जाऊँ मैं सचमुच में बड़ी ।

arti "astha"

शनिवार, 18 अप्रैल 2009

आंसू


आंसू!

कई बार

बहते है

एक साथ

कई दुखों के लिए

आरती "आस्था"

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

सोचना


कोई कहता है

बहुत सोचती हो

कम सोचा करो

दूसरों के

सोचने के लिए भी

कुछ छोड़ना है

सोच लिया करो ।

कोई कहता है -

सोचो

चाहे जितना तुम

लेकिन सोचो में अपनी

मुझे भी शामिल

कर लिया करो ।

कोई कहता है -

सोचो

लेकिन इतना नही

ki महज

सोचने के लिए

रह जाए ।

सोचती हूँ मैं

क्यों न अब

छोड़ दिया जाए

सोचना ही।

आरती "आस्था"

गुरुवार, 16 अप्रैल 2009

सपनो की तलाश


नींद में

सपने तलाशना (?)

ठीक है ;

आंखों में

सपने तलाशना (!)

भी ठीक है

लेकिन यदि कोई

सपनो में

सपने तलाशे .............!!

तो ..............??

आरती "आस्था "

बुधवार, 1 अप्रैल 2009

खुश रहने का नुस्खा

हर वह खुशी
जो न हो तुम्हें मिली
लेकिन जिसके मिलने पर
तुम्हारा खुश होना हो लाजमी
मान लिया करो
तुम्हें है मिल गई
bilkul वैसे ही
जैसे तार्किक प्रश्नों को हल करते समय
हम मान लेते हैं
'नहीं है' बराबर 'है' .