शनिवार, 14 मार्च 2009

और अब एहसास
१३.०२.२००९
बहुत से डर हकीकत हो जाते हैं सही है लेकिन बहुत सी हकीकतें ऐसी होती हैं जिहें लोग डर समझने की भूल कर बैठते हैं l
१७.०२.२००९

किसी को जब भी कुछ दो तो पूरे दिल से दो, नहीं तो वह चीज उसे खुशी तो नहीं ही देगी हां जब जब वह उसे देखेगा एक कसक टीस बनकर उसके अन्दर जरूर उठेगी .

१८.०२.२००९

खामोशी की आवाज़ तो बहुत लोग सुन लेते है लेकिन उसके सही-सही निहितार्थ शायद ही कोई समझ पाता है l

२४.०२.२००९

किसी चीज की कीमत इससे नहीं तय होती है की बेचने वाला उसे किस कीमत में बेच रहा है बल्कि इससे तय होती है कि खरीदने वाला उसे किस कीमत में खरीद रहा है l

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