
ट्रान्सफर होने पर तुमने कहा
नाजुक और टूटने वाली चीजों को
तुम सहेज लो
मैंने पूंछा
मैं ही क्यों ?
तुमने कहा
तुम किसी चीज को टूटने नहीं दोगी
क्योंकि तुम टूटने का दर्द जानती हो
मैने कहा
यदि फिर भी मुझसे कुछ टूट गया तो !
तुमने कहा
तो भी कोई बात नहीं
क्योंकि टूटकर बिखरे हुए को
सहेजने का हुनर भी जानती हो तुम।
आरती "आस्था "
i appreciate vith it.i know u r
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