शुक्रवार, 4 सितंबर 2009

मेरी diary से

आरती आस्था
1.कुछ लोग दूसरों से कुछ भी लेने में घबराते हैं, क्योंिक िकसी को कुछ दे सकें इतना बड़ा िदल उनका होता नहीं।
2. हर िकसी का अपना भाग्य होता है इसलिए न तो अपने भाग्य को कोसो और न िकसी और के भाग्य से ईष्यार् करो।
3. परिवर्तन समय का मोहताज नहीं होता है, यह हो सकता है िक जो चीज बरसों न बदली हो वह एक पल में बदल जाए।
4. हम अपरिचितों से नहीं, अपने परिचितों से डरते हैं।
5. जो चुकाता रहता है ......चुकाता रहता है उसे भी कभी तो कुछ न कुछ जरुर िमलता होगा।
६.मित्र बनिए, न संरक्षक न उपदेशक न ही कुछ और क्योंकि एेसा करके आप दे पाएंगे संरक्षण, सुनी जाएगी आपकी हर बात और जुड़ा महसूस करेंगे लोग आपसे उस समय भी जब अलग-थलग पाएंगे वे खुद से ही खुद को।
७.जब हम जिंदगी में एेसा उद्देश्य लेकर चलते हैं जिसे और लोग भी पाना चाहते हैं तो प्रतिस्पर्द्धा के कारण उद्देश्य प्राप्ति कठिन होती है लेकिन जब बिलकुल अलग उद्देश्य बनाते हैं जिंदगी का तो भी उसे प्राप्त करना कठिन होता है क्योंकि तब लोग हमारे उद्देश्य के साथ ही साथ हमें भी शक की नजर से देखते हैं।

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