शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

सोचना


कोई कहता है

बहुत सोचती हो

कम सोचा करो

दूसरों के

सोचने के लिए भी

कुछ छोड़ना है

सोच लिया करो ।

कोई कहता है -

सोचो

चाहे जितना तुम

लेकिन सोचो में अपनी

मुझे भी शामिल

कर लिया करो ।

कोई कहता है -

सोचो

लेकिन इतना नही

ki महज

सोचने के लिए

रह जाए ।

सोचती हूँ मैं

क्यों न अब

छोड़ दिया जाए

सोचना ही।

आरती "आस्था"

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