गुरुवार, 19 फ़रवरी 2009


.अध्याय

यूँ तो

महत्वपूर्ण होता है

 जिन्दगी की किताब का

हर अध्याय

लेकिन अक़्सर

 सामने रखते हैं

जब इसे

लोगों के तो गायब (फटा ) होता है

वही अध्याय

सर्वाधिक भूमिका

होती है जिसकी

जिन्दगी को जिन्दगी बनाने में ..........|

3 टिप्‍पणियां:

  1. shaayar ne kahaa bhi hai naa...........
    kitaabe-mazi ke panne palat ke dekh jara,,,,,,
    naa jaane kaun sa panna muda(fataa)hua nikle.........!!

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  2. bahut khub aastha ji. aapki nazm bahut achhi lagi. agar kabhi waqt mile to mera blog bhi dekhen.

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  3. क्या लिखू मै . . . . .

    क्यो लिखुन मै .......
    कैसे लिखुन मै ......
    पर लिख्नना तो पडेगा ......

    पर क्यो.....

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