कोई कहता है
बहुत सोचती हो
कम सोचा करो
दूसरों के
सोचने के लिए भी
कुछ छोड़ना है
सोच लिया करो ।
कोई कहता है -
सोचो
चाहे जितना तुम
लेकिन सोचो में अपनी
मुझे भी शामिल
कर लिया करो ।
कोई कहता है -
सोचो
लेकिन इतना नही
ki महज
सोचने के लिए
रह जाए ।
सोचती हूँ मैं
क्यों न अब
छोड़ दिया जाए
सोचना ही।
आरती "आस्था"
Aarti Ji mera name aapke blog pe mila lekin mai aapko janta nahi hu.Apna parichay de.zafarpti@yahoo.co.in
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