sayad jivan ese hi kahte hai.bhagwan bahut prechaye leta hai achhe logo ki .ye unki sadgi hai jinhone unke diye gaye uphar ko prashd man ker grahan kiye
नाम - आरती.............
लेकिन आरती से दूर दूर तक,
कोई वास्ता नहीं,
मनोविज्ञान में ऍमफिल की डिग्री,
है मेरे पास,
लेकिन दूसरो के मन को,
समझना तो दूर रहा,
आज तक नहीं समझ पाई,
अपने ही मन का विज्ञानं,
रूचि लिखने में है,
बचपन से लिख रही हूँ,
लेकिन नहीं लिख पाई,
अभी तक
जिन्दगी का क ख ग भी ,
पढ़ने का भी थोडा-बहुत शौक है,
शायद इसलिए अभी तक अध्ययनरत हूँ,
नहीं, किसी स्कूल-कालेज में नहीं,
जीवन की पाठशाला में,
जीने की कला सीखने के लिए !
usase to jyaada to hamaaraa hak hi kahaan...!!
जवाब देंहटाएंusase kucchh maangne kee hamame taab hi kahaan....!!....jo bhi vo de de vo hi bhalaa..!!
sayad jivan ese hi kahte hai.bhagwan bahut prechaye leta hai achhe logo ki .ye unki sadgi hai jinhone unke diye gaye uphar ko prashd man ker grahan kiye
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