नाम - आरती.............
लेकिन आरती से दूर दूर तक,
कोई वास्ता नहीं,
मनोविज्ञान में ऍमफिल की डिग्री,
है मेरे पास,
लेकिन दूसरो के मन को,
समझना तो दूर रहा,
आज तक नहीं समझ पाई,
अपने ही मन का विज्ञानं,
रूचि लिखने में है,
बचपन से लिख रही हूँ,
लेकिन नहीं लिख पाई,
अभी तक
जिन्दगी का क ख ग भी ,
पढ़ने का भी थोडा-बहुत शौक है,
शायद इसलिए अभी तक अध्ययनरत हूँ,
नहीं, किसी स्कूल-कालेज में नहीं,
जीवन की पाठशाला में,
जीने की कला सीखने के लिए !
आरती जी, आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा.
सरल शब्दों में अपनी भावनाओं को बड़े ख़ूबसूरत तरीके से व्यक्त करती हैं आप.
होली के इस रंग-बिरंगे पर्व पर आपको व् आपके परिवार के समस्त सदस्यों को हार्दिक बधाई ........
जवाब देंहटाएंआज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया.
बहुत अच्छा ब्लाग है