नाम - आरती.............
लेकिन आरती से दूर दूर तक,
कोई वास्ता नहीं,
मनोविज्ञान में ऍमफिल की डिग्री,
है मेरे पास,
लेकिन दूसरो के मन को,
समझना तो दूर रहा,
आज तक नहीं समझ पाई,
अपने ही मन का विज्ञानं,
रूचि लिखने में है,
बचपन से लिख रही हूँ,
लेकिन नहीं लिख पाई,
अभी तक
जिन्दगी का क ख ग भी ,
पढ़ने का भी थोडा-बहुत शौक है,
शायद इसलिए अभी तक अध्ययनरत हूँ,
नहीं, किसी स्कूल-कालेज में नहीं,
जीवन की पाठशाला में,
जीने की कला सीखने के लिए !
shaayar ne kahaa bhi hai naa...........
जवाब देंहटाएंkitaabe-mazi ke panne palat ke dekh jara,,,,,,
naa jaane kaun sa panna muda(fataa)hua nikle.........!!
bahut khub aastha ji. aapki nazm bahut achhi lagi. agar kabhi waqt mile to mera blog bhi dekhen.
जवाब देंहटाएंक्या लिखू मै . . . . .
जवाब देंहटाएंक्यो लिखुन मै .......
कैसे लिखुन मै ......
पर लिख्नना तो पडेगा ......
पर क्यो.....