रचना बहुत ही मार्मिक और दिल को छुने वाली है. आशुओं से केवल दिल में दर्द बढता है उसे रोकना हाथो को ही पड़ता है .किस्मत हाथो से ही बनती है आसु से इन्सान कमज़ोर हो जाता है .
नाम - आरती.............
लेकिन आरती से दूर दूर तक,
कोई वास्ता नहीं,
मनोविज्ञान में ऍमफिल की डिग्री,
है मेरे पास,
लेकिन दूसरो के मन को,
समझना तो दूर रहा,
आज तक नहीं समझ पाई,
अपने ही मन का विज्ञानं,
रूचि लिखने में है,
बचपन से लिख रही हूँ,
लेकिन नहीं लिख पाई,
अभी तक
जिन्दगी का क ख ग भी ,
पढ़ने का भी थोडा-बहुत शौक है,
शायद इसलिए अभी तक अध्ययनरत हूँ,
नहीं, किसी स्कूल-कालेज में नहीं,
जीवन की पाठशाला में,
जीने की कला सीखने के लिए !
रचना बहुत ही मार्मिक और दिल को छुने वाली है. आशुओं से केवल दिल में दर्द बढता है उसे रोकना हाथो को ही पड़ता है .किस्मत हाथो से ही बनती है आसु से इन्सान कमज़ोर हो जाता है .
जवाब देंहटाएंएकदम सच कह दिया आपने......!!(टाइपिंग की अशुद्धियाँ सुधार लें बस....!!)
जवाब देंहटाएंsach hai ki likhna kitna katheen hota hai
जवाब देंहटाएंpar bhagawaan ya prkati kuch ko detee hai taqat likhne ki
aur kuch ko samjhne ki
aur kuch ko samjhaane ki taqat
to phir kuch yesa hona chahiye ki
samjhne bala samjhe likhne bala likhe aur samjhane wala samjhaye
hai na
to main kya likh rahaa tha